मेंटल बिमारी क्या है ? मेंटल बिमारीयों के कारण क्या है ? मेंटल बिमारीयां ठीक कैसे करे ?

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जितना हमे शरीर का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है, उतना ही मानसिक स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है. और हमे, आपको एक बेहतर सुखी जीवन जिना है तो, पहले हमे शरीर और शरीर से जुडा मन उनका स्वास्थ्य हेल्दी हो इसलिये हमेशा प्रयास करते रहना चाहिये.

आपने अपने नजदीक, मौहले मे या किसी अन्य जगह मानसिक विकार से पिडीत लोग देखे होंगे. उनके व्यवहार से आपने भलीभाती जान लिये होगा की, असल मे मानसिक विकार से पिडीत लोग कैसे होते है? सच मे.. एक शरीर से पिडीत व्यक्ती से अधिक मानसिक विकार से पिडीत लोग ज्यादा दुख सहन करते है. समाज मे उनका स्थान बहुत नीच दर्जा का होता है. अगर किसी ने कहा की यह आदमी या स्त्री मानसिक विकार से पिडीत है, तो लोग उन लोगोंसे दूर भागते है. उन्हे अपने जैसा नही समजते है. हर वक्त उनका मजाक उडाते है. इससे भी ज्यादा किसी ना किसी कारण वे समाज के गलत व्यवहार का शिकार बनते है. 

दोस्तो इस विकार के कही कारण हो सकते है. यह सब उस व्यक्ती के धीमाक के क्रियाशीलता के उपर निर्भर है. लेकीन आगे जाकर सभी को उस पिडा का समान दुख होता है. इसलिये हर एक व्यक्ती का, समाज का कर्तव्य बनता है की, ऐसे लोगोंको समाज हिस्सा बनाये और उन्हे इस पिडा से मुक्ती दिलाने मदद करे.

आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे, मेंटल बिमारी क्या है ? मेंटल बिमारीयों के कारण क्या है ? मेंटल बिमारीयां ठीक कैसे करे ? इन्हे एक एक करके विस्तार से समजेंगे.

What is mental illness?


पहले हम मेंटल बिमारीयां के बारे मे समजते है. जीससे आप समज जायेंगे की असल मे मेंटल बिमारी किसे कहते है.
   

मेंटल / मानसिक बिमारी क्या है ? 

मेंटल याने मानसिक बिमारी मुख्य रूप से भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक रोष, इनसे जुडी होती है. मानसिक बिमारी मे लोग अपना संतुलन खो बैठते है और अपने मुख्य स्वरूप को भुलकर समाज से अलग होते है. कभी कभी लोग इसमे खुद की जान भी लेते है, कुछ लोग समाज से दूर चले जाते है, धीमाक के कमजोरी के वजह से वह इधर उधर भटकते रहते है.

कुछ लोग भावनात्मक रूप से किसी कारण कमजोर बनते है. वे हमेशा खुदको अकेले महसूस करते है. घर मे खुद को बंद कर लेते है. वे किसी से बात भी नही करते. उनका धीमाक एक ही चीज पर इतना फोकस करता है की, उनको सारी चीजे समजणे मे दिक्खत आती है. इस प्रक्रिया मे वे खुद को बरबाद कर लेते है.

इनशोर्ट मानसिक बिमारी मनुष्य के धीमाक और मन को बिमार करती है. इसका असर आगे धीरे धीरे शरीर पर पडता है और आखिर मे वह मनुष्य मानसिक बिमारी का शिकार बनता है.   

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मानसिक स्वास्थ्य हेल्दी रखना क्यू महत्व पूर्ण है?

मनुष्य के लिये शरीर के स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य हेल्दी रखना उतनाही महत्वपूर्ण है. क्युंकी आप एक ख़ुशीभरा और हेल्दी जीवन तभी जी सकते है, जब आप अपना हेल्दी स्वास्थ्य रखेंगे.

मानसिक स्वास्थ्य क्यों महत्वपूर्ण है?

  • शरीर का स्वास्थ्य हेल्दी रखने के लिये 
  • मन मे सकारात्मक सोच बढाने के लिये 
  • जीवन मे बडी मंजिल हासील करने के लिये 
  • लोगों मे बडा स्थान प्राप्त करने के लिये 
  • संकट से सामना करने के लिये 
  • समाज और प्रकृती के नियमों समजणे के लिये              
इनमे सभी चीजें तभी संभव है, जब आप एक हेल्दी स्वास्थ्य प्राप्त करते है. 

अब जाणते है वह कौनसे कारण है, वे मानसिक बिमारी के लिये कारण बनते है.

  • शरीर का असंतुलित स्वास्थ्य या पारिवारिक वाद विवाद और ओहर जिम्मेदारी
  • जीवन का खराब अनुभव 
  • अपघात के वजह से धीमाक का संतुलन बिघडना
  • ड्रग्ज और अल्कोहल के अति सेवन से 
  • गलत और नकारात्मक विचार 
  • बार बार बिमार पडणे के वजह से लोग डिप्रेशन मे चले जाते है
  • जैविक कारण भी मानसिक बिमारी के लिये कारण बनते है
  • जन्म लेने के बाद या कुछ अंतराल के बाद गलत लोगोंका प्रभाव और अपघात 
  • अचानक बिजनेस मे या अन्य मार्ग से आर्थिक नुकसान होणा  
  • प्यार मे धोका मिला हो तो. 
  • छोटी छोटी बातों को मन मे दबाके रखना और उनको बार बार याद करते रहना
  • मन मे किसी का डर दबाके रखना. उससे शरीर का संतुलन बिघडता है
  • अपनों से दूर रहना, यह भी कुछ लोगोंके मानसिक बिमारिका कारण बनता है
  • बार बार टॉर्चर करने से कमजोर दिलवाले धीमाक का संतुलन खो बैठते है           
मुख्यता: यह मानसिक बिमारी के लिये करण बनते. इसके अलावा भी कही कारण हो सकते है. आगे जाणते है..... मानसिक बिमारीयों के लक्षण क्या है?   

मानसिक बिमारी के लक्षण क्या है ?

प्रत्येक बिमारी आने से पहले उनके लक्षण आना दिखते है. उस प्रकार मानसिक बिमारी के भी लक्षण है, उससे हमे पता चलता है की, वह व्यक्ती मानसिक बिमारी का शिकार हो चुकी है. जाणते है वह कौनसे लक्षण है.

  • अल्कोहल और ड्रग्ज की शिकार व्यक्ती  
  • सिजोफ्रेनिया
  • एक ही चीज पर विचार करके चिंता करना
  • बार बार आत्महत्या के बारे मे सोचना 
  • चिंता और घबराहट की शिकार व्यक्ती, जो हर समय किसी ना किसी घटना पर चिंता और घबराही रहती है.
  • ज्यादा घुस्सा करना और घुस्से मे कुछ भी गलत काम करना
  • सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर
  • हर समय सोचते रहना
  • भीड़ से डर लगना      
  • अलगाव की चिंता 
  • आत्महत्या के बारे मे सोचना और करने का प्रयास करना 
  • लंबे समय तक रूम मे अकेले को बंद करके रखना 
  • डेली रुटीन के काम करने मे दिक्खत     
दोस्तों ऐसी बिमारी कोही नही चाहेगा. इसलिये जितना हो सके खुद को मेंटली मज़बूत करने का प्रयास केजीये. मुसिबते आती रहेगी. आपको डरना नही है. उनसे आपको दट के सामना करना है. और उसे जितके ही आगे निकलना है. ना की बिमार होकर रोते रहना है.

इनसे बचने के लिये आप क्या क्या कर सकते है, जाणते है विस्तार से........               

मानसिक स्वास्थ्य हेल्दी बनाने के लिये आप क्या कर सकते है?

दोस्तो मानसिक बिमारी जीवन को बरबाद करने वाली बिमारी है. इसे जितना हो सके जल्दी ठीक करने की कोशिश करना चाहिये. जो लोग अपनी बिमारी को खत्म करने मे सक्षम नही है, उन्हे उनकी बिमारी ठीक करने के लिये आपका और हमारा कर्तव्य बनता है.

मानसिक बिमारी कम करने के लिये हम और आप क्या कर सकते है

  • हर समय Positive सोचे 
  • जितना हो सके शरीर को हेल्दी बनाने के लिये प्रयास करे 
  • आहार हेल्दी रखे 
  • अल्कोहोल, ड्रग्ज, धुम्रपान जैसे खराब चीजों से दूर रहे  
  • मुख्य तणाव, प्रेशर ना ले, पहले जिम्मेदारी समजे और संकट से Fight करना शिके 
  • अपने लोगोंके पास रहे. घुस्सा ना करे 
  •  योगा, व्यायाम करते रहे 
  • आहार अच्छा और हेल्दी करे 
  • अपने पसंदी क्षेत्र के बारे मे सोचे, जहा आपको आनंद मिलता है 
  • पुरी निंद ले. अच्छे सेहत के लिये पुरी निंद आवश्यक है 
  • जो चीज या व्यक्ती आपसे अलग हो चुकी है, उनका विचार बार बार अपने मन मे ना आणे दे.
  • जल्दी विश्वास किसी पर ना करे
  • लोगोंकी कडवी बातों को मन मे अधिक देर तक ना रखे, उन्हे तुरंत बाहर फेक दे. और उनका विचार मन से निकाल दे.
  • सपनों पर अधिक विश्वास ना रखे. हमेशा प्रॅक्टिकल रहे
  • अपने विचारोंको पवित्र रखे. दुसरों के लिये कडवे विचार मन मे ना करे                                         

 इस तरह आप अपने मेंटल बिमारी को खत्म कर सकते है. दोस्तों मेंटल बिमारी कोही बिमारी नही है, बल्की वह आपकी सोच और आदत है. बस आपको उसे धीरे धीरे कम करना है, अपने मन से उस सोच को भगाना है. यहा डरने के कोही बात नही है. अगर आपको ऐसा लग रहा है की, आपकी बिमारी आपसे खत्म नही हो रही है, तो आप साइˈकाइअट्रिस्‍ट्‌ (Psychiatrist) की सलाह ले.

लेकीन मेरा मानना है की, मेंटल बिमारी को खत्म करने की दवा आपके अंदर ही है. बस आपको उसे जगानां है. मैने ऐसी बहुत केसेस देखी है, जो सिर्फ आत्मविश्वास से ठीक हो चुकी है. इसलिये डरें मत, अपने काम को करते चले, सफलता आपको जरूर मिलेगी.


                  

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